नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरे महाभियोग के ट्रायल की शुरुआत हो चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति पर चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी संसद में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। उस समय सीनेट में जो बाइडन के निर्वाचन की पुष्टि की जा रही थी। इसमें पांच लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हो गए थे। बिल्डिंग के हॉल व चैंबर को लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया था। सीनेटर और कर्मचारी दहशत में आ गए थे। आइए जानते हैं कि ट्रंप पर लगाए गए आरोपों और बचाव पक्ष की दलीलों में कितना दम है। विशेषज्ञ क्या कहते हैं और इस महाभियोग का परिणाम क्या हो सकता है..
महाभियोग को बताया असंवैधानिक
ट्रंप का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता ब्रुस एल कैस्टर जूनियर व डेविड स्कोन कर रहे हैं जो गत सोमवार को 78 पृष्ठों में अपने पक्ष का सार रख चुके हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि महाभियोग ट्रंप की अभिव्यक्ति की आजादी और तय प्रक्रिया का उल्लंघन है। चूंकि ट्रंप राष्ट्रपति का पद छोड़ चुके हैं, इसलिए यह संवैधानिक रूप से भी दोषपूर्ण है। 13 जनवरी को प्रतिनिधि सभा ने 197 के मुकाबले 232 मतों से ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी सरकार के विरुद्ध ¨हसा भड़काने के आरोप में महाभियोग के एक अनुच्छेद को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत ट्रंप भविष्य में सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य भी घोषित किए जा सकते हैं।