चमोली आपदा में रेस्क्यू का सातवां दिन, टनल में लगाई गई नई ड्रिल मशीन इसको डायमंड ड्रिल मशीन कहा जाता ।
कल रेस्क्यू के दौरान ड्रिल मशीन खराब हो गई थी जिस कारण टनल को तोड़ने का काम रुक गया था।
जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं 20 मीटर तक मलबा निकाल लिया गया है और ऑपरेशन जारी है मुख्यमंत्री ने कहा है कि रैणि गांव के पास बनी झील से घबराने की आवश्यकता नहीं है।166 लोग लापता है। दो जीवित मिले है।
नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस ने बताया कि चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, एफएसएल रेस्क्यू, खोज, बचाव राहत एवं डीएनए सैम्पलिंग के कार्यों में लगी हुई है।
प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 38 (चमोली- 30, रूद्रप्रयाग- 06, पौड़ी गढ़वाल- 01, टिहरी गढ़वाल- 01) के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं, जिनमें से 11 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 27 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है।
लापता समस्त लोगों के सम्बन्ध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 10 एफआईआर पंजीकृत की जा चुकी है। इसके साथ ही जनपद चमोली के विभिन्न स्थानों से ही 18 मानव अंग भी बरामद किये गये हैं। बरामद सभी शवों एवं मानव अंगों का डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के सभी मानदंडों का पालन कर सीएचसी जोशीमठ, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर एवं सीएचसी कर्णप्रयाग में शिनाख्त हेतु रखा गया था। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल हेतु गठित कमेटी द्वारा अभी तक 23 शवों एवं 10 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाजों एवं सम्मान के साथ दाह संस्कार करा दिया गया है।
नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस की देखरेख में उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 0135-2712685 एवं मोबाइल नम्बर 9411112985 है।
आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान हेतु अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार पत्राचार किया गया है।