आज से देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग की शुरुआत कर दी गई है। अगर वाहन बिना फास्टैग के किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वाहन स्वामी को निर्धारित शुल्क से दोगुना शुल्क भुगतान करना पड़ेगा। दोपहिया वाहनों को इसमें छूट दी गई है।
फास्टैग टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान करने का इलेक्ट्रॉनिक तरीका है। फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा। जिससे नेशनल हाइवे पर जाम से निजात और समय की बचत होगी।
फास्टैग एक प्रीपेड टैग है जो टोल शुल्क में स्वत: कटौती को सक्षम बनाता है और वाहन को बिना लेन-देन के लिए रूके टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति देता है।
टोल प्लाजा पर सिस्टम उपयोगकर्ता के खाते से भुगतान में कटौती करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग करता है।रीडर वाहन के 25 मीटर दूर होने पर टोल प्लाजा पर कार्ड का पता लगाता है।
फास्टैग को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। फास्टैग किसी भी बैंक, अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसके अलावा 23 ऑथराइज्ड बैंक, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पॉइंट ऑफ सेल से भी फास्टैग ले सकते हैं। पूरे देश में 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल पर फास्टैग उपलब्ध हैं।
*यह दस्तावेज जरूरी*
फास्टैग को खरीदने के लिए ड्राइवर के लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करनी पड़ती है। बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं। जिस बैंक का फास्टैग है, उसकी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा ई-वॉलेट, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी या नेट बैंकिंग के जरिये भी रिचार्ज किया जा सकता है। अगर फास्टैग, बैंक खाते से लिंक है तो पैसा सीधे खाते से कट जाता है। अगर वॉलेट से लिंक है तो वॉलेट से ही पैसा कट जाता है।
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