स्पोर्ट्स डेस्क। उत्तराखंड में होने वाले 38 वन नेशनल गेम्स के आयोजन को लेकर आखिरकार भारतीय ओलंपिक संघ में अपनी अंतिम मोहर लगा रही है। भारतीय ओलंपिक संघ ने प्रदेश में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक नेशनल गेम्स कराने की अनुमति दे दी है। भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखकर इसकी सूचना दी गई है इसके साथ ही भारतीय ओलंपिक संघ ने राष्ट्रीय खेलों के सफल संचालन के लिए पांच कमेटियों का भी गठन कर दिया है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच अलग अलग कमेटियों का गठन कर दिया है। जिसमें गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी की अध्यक्षता सुनैना, एनएसएफ/एसओए कोऑर्डिनेशन कमेटी की अध्यक्षता मधुकांत पाठक, प्रोटोकॉल कमेटी की अध्यक्षता विथल शिरगोंकार, सेफगार्डिंग कमेटी की अध्यक्षता सुमन कौशिक और प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपीटिशन कमेटी की अध्यक्षता आईएएस आरके सुधांशु को दी गई है।
बुधवार को अपने दिल्ली दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के संबंध में भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बड़ी जानकारी देते हुए उन्हें पत्र लिखकर उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों की अंतिम तिथि पर मोह लगा दी है इससे पहले भी मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के दौरान भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने राष्ट्रीय खेलों के लिए अनुमानित तारीख की घोषणा की थी और इस बार भारतीय ओलंपिक संघ ने 28 जनवरी से 14 फरवरी तक राष्ट्रीय खेल होने पर अंतिम मोहर भी लगा दी है।
भारतीय ओलंपिक संघ की अंतिम मोहर लगने के बाद अब उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों की तैयारी और भी तेज कर दी गई है प्रदेश के जिन पांच जिलों में राष्ट्रीय खेल होने हैं वहां इंफ्रास्ट्रक्चर को युद्ध स्तर पर तैयार किया जा रहा है। जिसका खेल विभाग के अधिकारी और खेल मंत्री निरीक्षण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ओलंपिक संघ की अंतिम मोहर के बाद साफ किया है कि यह आयोजन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक होगा जिसमें आने वाले खिलाड़ियों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जाएगा।
वहीं राष्ट्रीय खेलों की औपचारिक तारीखों के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स बेहद सफल और ऐतिहासिक होंगे। इस राष्ट्रीय खेल महाकुंभ के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने में कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल बेहतर ढंग से आयोजित किए जाएंगे। हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो”।