अयोध्या में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर अयोध्या लाया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं और संतों का तांता लगा रहा। उनके पार्थिव शरीर को गोपाल मंदिर में रखा गया, जहां सैकड़ों श्रद्धालु और संत-महंत उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे। मंदिर परिसर में शोक और श्रद्धा का माहौल बना हुआ है।
अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे संत-महंत
राम मंदिर के मुख्य पुजारी के निधन की खबर सुनकर अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में संत-महंत और श्रद्धालु उमड़ पड़े। राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य महंत दिनेन्द्र दास ने भी गोपाल मंदिर पहुंचकर आचार्य सत्येंद्र दास के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान अयोध्या और राम मंदिर के लिए अतुलनीय रहा है।
इकबाल अंसारी ने भी दी श्रद्धांजलि
अयोध्या के जाने-माने मुस्लिम नेता इकबाल अंसारी ने भी आचार्य सत्येंद्र दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “आचार्य सत्येंद्र दास अयोध्या की गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे। वे सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखते थे और सौहार्द बनाए रखने में उनकी अहम भूमिका रही। उनका जाना अयोध्या के लिए अपूरणीय क्षति है।”
जल समाधि की तैयारी
राम मंदिर के मुख्य पुजारी को गुरुवार दोपहर 12 बजे सरयू नदी में जल समाधि दी जाएगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और संतों के शामिल होने की संभावना है। अयोध्या प्रशासन ने भी इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है।
अयोध्या के संत समाज में शोक
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से अयोध्या के संत समाज में गहरा शोक व्याप्त है। वे लंबे समय तक राम मंदिर के पुजारी रहे और अपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते थे। संतों का कहना है कि उनका निधन एक युग का अंत है, क्योंकि वे धार्मिक समर्पण और मर्यादा के प्रतीक थे।
श्रद्धालुओं की आंखें नम
गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की आंखें नम थीं। कई श्रद्धालु उनके समर्पण और सेवा भाव की चर्चा कर रहे थे। अयोध्या के निवासी गोपाल शर्मा ने कहा, “आचार्य जी ने अपने जीवन में धर्म और सेवा को प्राथमिकता दी। वे हमेशा अयोध्या के हित में काम करते रहे। उनका जाना एक बड़ी क्षति है।”
अयोध्या प्रशासन की विशेष तैयारी
आचार्य सत्येंद्र दास की जल समाधि के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरे कार्यक्रम पर नजर रखेंगे। सरयू तट पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
धार्मिक और सामाजिक योगदान
आचार्य सत्येंद्र दास न केवल राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे, बल्कि उन्होंने धार्मिक सौहार्द और समाज सेवा के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे हमेशा सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलकर कार्य करते थे और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहते थे।
संतों की अपील
अयोध्या के संत समाज ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे आचार्य सत्येंद्र दास की जल समाधि के दौरान अनुशासन बनाए रखें और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करें। संतों ने कहा कि उनका जीवन प्रेरणा स्रोत है और हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज की सेवा करनी चाहिए।