25 वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं वृद्धा
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में 97 वर्षीय वृद्धा लीला देवी और उनकी 80 वर्षीय पुत्री नीना गुरूंग अपनी जमीन पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए 25 वर्षों से न्याय की गुहार लगा रही थीं। वर्षों तक सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने और कोर्ट में अपील करने के बावजूद उन्हें अपनी जमीन पर अधिकार नहीं मिल सका। बुधवार को जिलाधिकारी सविन बंसल के प्रयासों से उनकी भूमि उन्हें वापस दिलाई गई।
जनता दर्शन में आया मामला
जिलाधिकारी सविन बंसल के जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान यह मामला उनके संज्ञान में आया। जब अधिकारियों ने जांच की, तो पता चला कि इस भूमि को पहले गैस गोदाम संचालक ने लीज पर लिया था, लेकिन लीज समाप्त होने के बाद भी वह अवैध रूप से इस पर कब्जा जमाए बैठा था। 25 वर्षों से वृद्ध महिला इस कब्जे को हटवाने के लिए प्रयास कर रही थीं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।
डीएम के आदेश पर हुई त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्काल जिला प्रशासन की टीम को जांच के आदेश दिए। एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर 3 जनवरी को अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम को सील करवा दिया। इसके बाद बुधवार को प्रशासन ने कार्रवाई पूरी कर वृद्ध महिला को उनकी भूमि पर अधिकार दिलाया।
गैस गोदाम का लाइसेंस निरस्त
गैस गोदाम संचालक द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा जमाए जाने की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी ने गोदाम का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए। प्रशासनिक कार्रवाई के बाद 97 वर्षीय लीला देवी और उनकी पुत्री ने अपनी भूमि की चाबी प्राप्त की और जिलाधिकारी व उनकी टीम का आभार व्यक्त किया।
जनता में प्रशासन के प्रति बढ़ा विश्वास
इस कार्रवाई के बाद देहरादून के लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। जनता का मानना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता से वर्षों से लंबित मामलों का भी समाधान हो सकता है।