लखनऊ में 1000 करोड़ रुपये से एआई हब बनाएगी सिफी
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के दावोस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर अपनी निवेश क्षमता को साबित किया। इस बार लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हब स्थापित करने के लिए सिफी टेक्नोलॉजीज ने 1000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। यह हब चकगजरिया क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
दावोस में यूपी का प्रदर्शन
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के सचिव अमित सिंह, इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रथमेश कुमार और यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने दावोस में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इन अधिकारियों ने कई प्रमुख वैश्विक और राष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौते किए। उत्तर प्रदेश ने दावोस में अपनी नीतियों और निवेश के अवसरों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जिससे कई निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
सोलर और विंड एनर्जी में निवेश
लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज ने प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। यह निवेश 300 मेगावाट के सोलर प्लांट और रूफटॉप विंड एनर्जी टर्बाइन की स्थापना के लिए किया जाएगा। यह परियोजना न केवल पर्यावरण के प्रति उत्तर प्रदेश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब का महत्व
सिफी टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रस्तावित एआई हब प्रदेश के तकनीकी विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह हब न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर करेगा।
निवेश के अन्य प्रस्ताव
दावोस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश को अन्य कई निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त हुए। इन प्रस्तावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और तकनीकी क्षेत्र शामिल हैं। इन प्रस्तावों के माध्यम से प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार और आर्थिक विकास की संभावना है।
सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावोस में प्राप्त निवेश प्रस्तावों पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश की नीतियों और निवेश के प्रति सकारात्मक माहौल का परिणाम है। सरकार ने निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
युवाओं के लिए अवसर
एआई हब और अन्य निवेश परियोजनाएं प्रदेश के युवाओं के लिए नए अवसर लाएंगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा।