महाराष्ट्र के किलों से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू

नेशनल न्यूज़ डायरी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के ऐतिहासिक किलों पर हो रहे अतिक्रमणों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। यह ऐतिहासिक धरोहरें न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान हैं, बल्कि देश की भी अमूल्य धरोहर हैं। सीएम ने कलेक्टरों को 31 जनवरी तक किलों पर अतिक्रमण की स्थिति का मूल्यांकन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।

जिला स्तरीय समितियों का गठन

अतिक्रमण हटाने के लिए जिला स्तरीय समितियां गठित की जा रही हैं। इन समितियों की अध्यक्षता जिले के कलेक्टर करेंगे और ये 1 फरवरी से 31 मई तक इस अभियान की निगरानी करेंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए सतर्कता समितियों का गठन किया जाए।

ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा पर जोर

महाराष्ट्र के किले जैसे रायगढ़, प्रतापगढ़ और सिंहगढ़, राज्य के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं। इन पर अतिक्रमण न केवल इनके सौंदर्य को नष्ट करता है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व को भी खतरे में डालता है।

स्थानीय सहभागिता की भूमिका

सरकार ने स्थानीय समुदायों और संगठनों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें। स्थानीय लोगों की जागरूकता और भागीदारी इस प्रयास को अधिक प्रभावी बना सकती है।

पर्यावरणीय संरक्षण का पहलू

किलों पर अतिक्रमण के चलते प्राकृतिक पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। वनों की कटाई और अवैध निर्माण से किलों के आसपास का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को भी इस अभियान का अहम हिस्सा बनाया है।

महाराष्ट्र के किलों को अतिक्रमण से मुक्त करना न केवल ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है

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