छात्रसंघ चुनाव न कराने पर सरकार सख्त, निदेशक उच्च शिक्षा और चार विश्वविद्यालयों को नोटिस

उत्तराखंड शिक्षा

उत्तराखंड के राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में तय समयसीमा के भीतर छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने निदेशक उच्च शिक्षा और चार प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों से एक सप्ताह के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। चुनाव न कराए जाने को लेकर शासन ने उन्हें नोटिस जारी किया है और तथ्यों सहित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

चुनाव न होने पर मांगा स्पष्टीकरण

अनु सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी नोटिस में निदेशक उच्च शिक्षा के साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, सोबनसिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय, चंबा, टिहरी और दून विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलसचिवों को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है। राज्य सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2024 को एकरूपता लाने के लिए शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया गया था, जिसके अनुसार 30 सितंबर 2024 तक सभी राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रसंघ चुनाव संपन्न कराए जाने थे।

सरकार ने चुनाव के साथ ही एकसमान शिक्षा व्यवस्था, एक परीक्षा, एक परिणाम और एक दीक्षांत समारोह के लिए भी निर्देश जारी किए थे। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा निदेशालय ने न तो समय पर चुनाव कराए और न ही शासन से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त किए।

छात्रों का प्रदर्शन, पढ़ाई प्रभावित

छात्रसंघ चुनाव न होने से कई विश्वविद्यालय परिसरों और महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं द्वारा चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर आंदोलन हो रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव का नियत समय पर होना आवश्यक है, लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया है।

सरकार की चेतावनी: नियमसंगत कार्यवाही होगी

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने पहले ही छात्रसंघ चुनाव समय पर कराने के निर्देश जारी कर दिए थे, और यह जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा निदेशालय की थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के स्पष्टीकरण आने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।

इस कार्रवाई से साफ है कि राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे पर किसी भी तरह की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

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