38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य समापन: उत्तराखंड बना खेलभूमि

उत्तराखण्ड मनोरंजन

समापन समारोह की भव्यता

38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह 14 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम, गोलापार, हल्द्वानी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती पी.टी. ऊषा ने इन खेलों के समापन की घोषणा की। इस आयोजन ने उत्तराखंड को खेलों की दृष्टि से नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।

गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन

समारोह में गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सबसे पहले उत्तराखंड के चारों धामों के देवी-देवताओं को नमन किया तथा पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने अपनी भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद खेलों के आयोजन में अद्भुत सफलता प्राप्त की है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगला राष्ट्रीय खेल 2036 में एक अन्य पहाड़ी राज्य मेघालय में आयोजित किया जाएगा।

इको-फ्रेंडली खेलों की थीम

उत्तराखंड सरकार ने इन खेलों को इको-फ्रेंडली थीम पर आयोजित किया। खेल स्थलों पर प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग हुआ तथा ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी गई। खिलाड़ियों के नाम पर वृक्षारोपण किया गया और पदक ई-वेस्ट से तैयार किए गए। इस पहल को गृह मंत्री ने सराहा और इसे देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया, और यह राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। खेलों में उत्तराखंड ने कुल 103 पदक अर्जित किए, जिनमें 24 स्वर्ण पदक शामिल हैं।

भविष्य की संभावनाएं

केंद्रीय खेल मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड अब सिर्फ देवभूमि ही नहीं बल्कि खेलभूमि भी बन चुका है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती पी.टी. ऊषा ने उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि बहुत कम समय में इन खेलों का शानदार आयोजन किया गया।

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