शिमला, 18 फरवरी 2025 – हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक फार्मेसी ऑफिसर की लिखित परीक्षा में ई-ऑप्शन गायब होने के मामले में राज्य लोकसेवा आयोग को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के तहत आयोग बिना अनुमति के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाएगा, हालांकि दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया जारी रहेगी। यह परीक्षा 14 सितंबर 2024 को हुई थी, जिसमें सुबह की पाली में प्रश्न पत्र एक के दौरान यह त्रुटि सामने आई थी।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि परीक्षा की बुकलेट के कॉलम 22ए में स्पष्ट रूप से नेगेटिव मार्किंग का जिक्र किया गया था, लेकिन कुछ परीक्षार्थियों को ऐसी ओएमआर शीट दी गई, जिनमें ई-ऑप्शन उपलब्ध नहीं था। इससे कई अभ्यर्थियों के उत्तर अधूरे रह गए और उन्हें अनावश्यक नेगेटिव मार्किंग झेलनी पड़ी। इस संदर्भ में 4 फरवरी 2025 को दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया प्रस्तावित थी, जिसे हाईकोर्ट ने जारी रखने की अनुमति दी है।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश रंजन शर्मा की अदालत में हुई, जिसमें आयोग को परीक्षा में हुई इस गलती के संदर्भ में 20 मार्च 2025 को अगली सुनवाई से पहले विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया गया। हाईकोर्ट का यह फैसला उम्मीदवारों के लिए राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि परीक्षा परिणाम की घोषणा बिना न्यायिक समीक्षा के नहीं होगी।
आयोग की प्रतिक्रिया और आगे की प्रक्रिया
इस मामले में अब तक आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। परीक्षा में तकनीकी खामी के कारण कई अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है, और वे इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। कोर्ट की अगली सुनवाई तक आयोग को इस त्रुटि पर स्पष्टीकरण देना होगा और यह देखना होगा कि परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए क्या सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं