उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के धात्मीर गांव के निवासी सुनील रावत ने कड़ी मेहनत और समर्पण से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि उनके लिए आसान नहीं थी, क्योंकि दो बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।
शिक्षा और शुरुआती सफर
सुनील रावत ने अपनी स्कूली शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) ढूंगीर पुरोला, उत्तरकाशी से पूरी की। उन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम में 86% अंकों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉर्थ कैंपस से 2016-2019 के बीच ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने CA बनने का सपना संजो लिया और दिल्ली में इसकी कोचिंग शुरू की।
करियर और संघर्ष का सफर
सुनील ने CA के एंट्रेंस एग्जाम को पहले ही प्रयास में पास कर लिया। इसके बाद, उन्होंने नवंबर 2020 में इंटरमीडिएट परीक्षा भी पहले प्रयास में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की। फिर उन्होंने मार्च 2021 से 2024 तक BDO India LLP में तीन वर्षों की ट्रेनिंग की।
हालांकि, उनका सफर इतना आसान नहीं रहा। नवंबर 2023 और मई 2024 में उन्होंने CA फाइनल की परीक्षा दी, लेकिन दोनों बार असफल रहे। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पूरी लगन से तैयारी जारी रखी। उन्होंने नौकरी छोड़कर पूरी तरह से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और आखिरकार नवंबर 2024 में सफलता प्राप्त की।
परिवार का सहयोग और प्रेरणा
सुनील के पिता जबर सिंह रावत किसान हैं, जबकि उनकी माता उजली देवी शिक्षिका हैं। उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और बेटे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गणित में उनकी रुचि को देखते हुए परिवार ने उन्हें CA बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
सफलता का मंत्र
सुनील का मानना है कि सफलता के लिए आत्म-अनुशासन और लक्ष्य निर्धारण बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, “मैं हर दिन के लिए एक टारगेट सेट करता था और उसे पूरा करने के बाद ही आगे बढ़ता था।” उनका यह दृढ़ निश्चय ही उनकी सफलता की कुंजी बना।