महाकुंभ 2025: आस्था का महापर्व

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महाकुंभ का शुभारंभ

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर संगम नगरी में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर अपनी आस्था प्रकट की। यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा और इसमें लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।

संगम का महत्व

त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है, श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पावन स्थल है। इस संगम पर स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा मान्यता है। पहले ही दिन लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई।

सुरक्षा और सुविधाएं

महाकुंभ के आयोजन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 30,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए सैकड़ों सफाईकर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं। स्व्मामीतावानसीलाओं, टॉयलेट्स और ठहरने की सुविधा को भी बेहतर बनाया गया है।

धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम

महाकुंभ में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। साधु-संतों की शाही स्नान यात्राएं, प्रवचनों और कीर्तन ने मेले को और भी भव्य बना दिया है।

श्रद्धालुओं का उत्साह

देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। हर कोई इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनकर धन्य महसूस कर रहा है। संगम तट पर गूंजते मंत्रों और आरती की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो गया है।

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