प्रयागराज का महाकुंभ: आस्था और अध्यात्म का महासंगम
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे हैं। इस अद्भुत आयोजन में न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता भी देखने को मिलती है। महाकुंभ में इस बार कई अनोखी घटनाएं लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
आईआईटी बाबा: एक तकनीकी विशेषज्ञ से संत तक का सफर
महाकुंभ में इस बार एक चर्चा का विषय बने हैं आईआईटी बाबा। एक प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक होने के बाद, उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाया। उनके शिविर में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो आधुनिक विज्ञान और प्राचीन योगिक शिक्षा के अद्भुत संगम को समझने के लिए उत्सुक हैं।
विदेशी साधु और संस्कृति का संरक्षण
महाकुंभ में कई विदेशी साधु भी शामिल हुए हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को आत्मसात कर लिया है। इन साधुओं ने न केवल भारतीय ग्रंथों का अध्ययन किया है, बल्कि अपने-अपने देशों में भारतीय संस्कृति का प्रचार भी किया है। उनका यह प्रयास महाकुंभ को एक वैश्विक आयोजन बनाता है।
अनोखी सिद्धियां: साधुओं के रहस्यमय कौशल
महाकुंभ में ऐसे साधु और गुरु भी हैं, जिनके पास अनोखी सिद्धियां होने का दावा किया जाता है। कोई जल के ऊपर चल सकता है, तो कोई ध्यान के माध्यम से भविष्यवाणी करता है। इन चमत्कारों को देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आ रहे हैं।
आध्यात्मिक पर्यटन का बढ़ता आकर्षण
महाकुंभ ने प्रयागराज को आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बना दिया है। यहां आने वाले श्रद्धालु धार्मिक कर्मकांडों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले रहे हैं। महाकुंभ का यह पहलू इसे और भी विशेष बनाता है।
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश
महाकुंभ 2025 में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। इसके साथ ही प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।