महाकुंभ 2025: काशी में आस्था का सागर उमड़ा

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काशी विश्वनाथ मंदिर में भीड़ का नया रिकॉर्ड
महाकुंभ 2025 ने काशी में एक अभूतपूर्व धार्मिक उत्साह का वातावरण बनाया है। बाबा विश्वनाथ के धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में दर्शन किए, जो अब तक का नया रिकॉर्ड है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, महाकुंभ के दौरान भक्तों की संख्या में यह अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है।

रात एक बजे तक खुले बाबा के दरबार
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए बाबा विश्वनाथ का मंदिर देर रात तक खुला रहा। रात एक बजे तक भक्तजन दर्शन कर सके। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं, जिनमें अतिरिक्त लाइनें, जलपान की सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था शामिल हैं।

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना काशी
काशी इस समय महाकुंभ के चलते श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। वाराणसी के घाटों पर गंगा स्नान के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। महाकुंभ के विशेष अवसर पर गंगा स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है।

पर्यटन उद्योग को नया प्रोत्साहन
महाकुंभ के दौरान काशी में हर क्षेत्र में चहल-पहल बढ़ी है। होटलों से लेकर धर्मशालाओं तक सभी जगह पूरी तरह से बुक हैं। स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन उद्योग के लिए यह समय आर्थिक रूप से बहुत ही लाभकारी साबित हो रहा है।

चुनौतियां और प्रशासन की तत्परता
भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। सुरक्षा के लिए पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। साथ ही, लाइन में खड़े श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सेवाओं और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की गई है।

महाकुंभ का धार्मिक महत्व
महाकुंभ हिंदू धर्म में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसे हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। गंगा स्नान, पूजा-अर्चना और दान-पुण्य के जरिए भक्त अपने पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं। काशी में इस बार महाकुंभ का आयोजन इसे और भी विशेष बना रहा है।

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