संभल बवाल की जांच: हिंसाग्रस्त इलाकों का निरीक्षण
संभल में नवंबर में हुए बवाल की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग ने मंगलवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आयोग की टीम ने जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों का निरीक्षण करते हुए वहां के हालात का जायजा लिया। जांच टीम ने स्थानीय निवासियों और अधिकारियों से बातचीत कर घटनाक्रम की पूरी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया।
जांच आयोग की टीम सोमवार शाम को मुरादाबाद पहुंची थी और मंगलवार सुबह संभल के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा शुरू किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोग को घटना से संबंधित सभी तथ्य और जानकारी उपलब्ध कराई।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
जांच के दौरान स्थानीय लोगों ने आयोग के सामने अपनी बातें रखीं। उनका कहना था कि हिंसा की यह घटना सुनियोजित थी और इसमें बाहरी तत्वों का हाथ हो सकता है। कुछ लोगों ने बताया कि घटना के समय इलाके में तनावपूर्ण माहौल था और स्थिति को संभालने के लिए पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
पुलिस की जांच और नई जानकारियां
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस बवाल की साजिश विदेश में रची गई थी। पुलिस ने अब तक की जांच के आधार पर यह जानकारी दी कि सोशल मीडिया का भी इसमें अहम भूमिका रही। विदेश से फंडिंग और भड़काऊ पोस्ट के माध्यम से लोगों को उकसाने की कोशिश की गई। पुलिस ने इस संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
घटनाक्रम की पृष्ठभूमि
संभल में नवंबर में हुई यह घटना एक धार्मिक आयोजन के दौरान शुरू हुई थी। छोटी सी बहस ने बड़े विवाद का रूप ले लिया और देखते ही देखते मामला हिंसा में बदल गया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा।
आयोग द्वारा बयान दर्ज करने की प्रक्रिया
जांच आयोग की टीम आज लोगों और अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि घटना के असली कारणों का पता लगाया जा सके और दोषियों को सजा दी जा सके।
आगे की कार्रवाई
जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा