पति की मंजूरी जरूरी नहीं, महिला के अधिकार की पुष्टि
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया है कि तलाक लिए बिना अपने पति से अलग रह रही महिला पति की अनुमति के बिना भी गर्भपात करवा सकती है। यह फैसला महिला अधिकारों और स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
याचिका का संदर्भ
मोहाली निवासी एक महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने 18 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी। महिला ने अदालत को बताया कि वह अपनेचिकित्सकीय आधार पर गर्भपात की अनुमति
महिला ने अदालत को यह भी बताया कि उसकी गर्भावस्था अभी चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने योग्य अवधि में है। इस पर हाईकोर्ट ने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल को निर्देश दिया कि महिला का गर्भपात किया जाए।
महिला अधिकारों पर जोर
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान और कानून महिला को अपने शरीर पर अधिकार देता है। पति की सहमति के बिना गर्भपात कराने की अनुमति देकर अदालत ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाओं के अधिकारों का सम्मान किया जाए।