दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत का प्रतिफल

उत्तराखण्ड

सपने उन्हीं के पूरे होते हैं जो कड़ी मेहनत से कभी पीछे नहीं हटते। पिथौरागढ़ की मीना उपाध्याय ने भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम किया और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में पूरे राज्य में दूसरी रैंक हासिल की। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।

शैक्षणिक यात्रा

डॉ. मीना उपाध्याय का जन्म पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के खोली गांव में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद डीडीहाट के विवेकानंद विद्या मंदिर से 9वीं तक की पढ़ाई की। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उन्होंने सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज, पिथौरागढ़ से शानदार अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद एलएसएम कैंपस से उच्च शिक्षा हासिल कर इतिहास विषय में पीएचडी पूरी की।

चार बार UGC-NET उत्तीर्ण

डॉ. मीना उपाध्याय ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर चार बार यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण की। यह उनकी बौद्धिक क्षमता और धैर्य का परिचायक है। उनकी यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो उच्च शिक्षा में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

पहले ही प्रयास में मिली सफलता

27 वर्षीय मीना उपाध्याय ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। उनकी यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता।

परिवार का योगदान

मीना उपाध्याय अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनके पिता आनंद बल्लभ उपाध्याय और माता ललिता उपाध्याय ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

मीना उपाध्याय की सफलता यह संदेश देती है कि मेहनत और लगन से किसी भी मंज़िल को पाया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है।

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