उत्तराखण्ड में अक्सर बिजली की गुणवत्ता और वोल्टेज से जुड़ी समस्याओं ने उपभोक्ताओं को परेशान किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में लम्बे ट्रांसमिशन लाइनों और खराब पावर फैक्टर के कारण लो-वोल्टेज की समस्या आम है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने कैपेसिटर बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने बताया कि यह परियोजना राज्य में विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी। कैपेसिटर बैंक की स्थापना से ट्रांसफॉर्मरों पर दबाव कम होगा, तकनीकी हानियां घटेंगी और पावर फैक्टर में सुधार होगा। इसके अलावा, वितरण प्रणाली भी अधिक मजबूत बनेगी, जिससे बिजली कटौती और लाइनों में फॉल्ट जैसी समस्याएं कम होंगी।
इस परियोजना के तहत राज्य के 61 उपसंस्थानों में 101 ट्रांसफॉर्मरों पर कैपेसिटर बैंक लगाए जाएंगे। यूपीसीएल ने मार्च 2025 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। परियोजना पूरी होने के बाद राज्य के सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं की दक्षता में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली बिजली सेवा मिलेगी।
कैपेसिटर बैंक का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि यह लो-वोल्टेज की समस्या से राहत प्रदान करेगा। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बेहतर होगी, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी विद्युत वितरण प्रणाली अधिक सशक्त बनेगी। उत्तराखण्ड में इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।