उत्तराखंड पुलिस के ATS विंग में आज पहला महिला कमांडो दस्ता शामिल हो गया है. दून पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दस्ते का शुभारंभ किया. जिसके बाद दस्ते ने सीएम के सामने डेमो प्रस्तुत किया
महीनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद महिला कमांडो के इस दल को राज्य और देश की सुरक्षा का मौका मिला है। आधुनिक हथियारों से लैस होकर सुबह से शाम तक ट्रेनिंग के अलग-अलग सत्र में पसीना बहातीं महिला कमांडो के इस दस्ते ने हर उस तकनीक को सीखा है जिससे पार पाकर उनको आतंकवादियों के हर मंसूबों को समय रहते नेस्तनाबूद करना है। महिला कमांडोज को बिना देखे पलक झपकते ही ऑपरेशन को सफल बनाने की हर उस तकनीक से रूबरू करा कर प्रशिक्षित गया है, जिससे वह आम से लेकर खास लोगों को मुसीबत के समय आतंकी गतिविधियों से निजात दिला सकें।
बता दें कि उत्तराखंड एटीएस में पहली बार महिला कमांडो दस्ते को तैयार करने के लिए सिविल पुलिस, आर्म्ड पुलिस व पीएसी से 38 महिला पुलिस कर्मियों ने आवेदन किया. शारीरिक और मानसिक दक्षता जैसे अन्य कमांडो वाले मानक में केवल 22 महिला पुलिस कर्मियों का ही इस में सलेक्शन हुआ। इनमें दो सब इंस्पेक्टर रैंक की और 20 कांस्टेबल पद की कर्मियों का चयन हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। हमारी बेटियां सशक्त एवं मजबूत होनी चाहिए इस सोच के साथ अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम रास्ते बेटियों के लिए खोले हैं। आईएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेन्ट्री एवं सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है। पुलिस लाईन देहरादून में प्रशिक्षित 22 महिला कमाण्डो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। 104 प्रशिक्षत चीता पुलिस दल का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान हमारी महिला अधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य किया गया।