उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने की पहल
उत्तराखंड सरकार ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के कैंप कार्यालय में शीतकालीन यात्रा पर आधारित गीत ‘देवभूमि आओ-उत्तराखंड आओ’ का पोस्टर विमोचित किया। इस गीत को यूट्यूब पर भी लॉन्च किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गीत उत्तराखंड की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करेगा और तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को राज्य में आने के लिए प्रेरित करेगा।
शीतकालीन तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व
पहले चारधाम यात्रा केवल ग्रीष्मकाल में ही होती थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भी दर्शन की व्यवस्था कर दी है। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे वर्षभर उत्तराखंड आकर विभिन्न तीर्थ स्थलों का दर्शन करें और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस पहल के तहत व्यापक व्यवस्थाएं की हैं जिससे यात्री सुगमता से यात्रा कर सकें।
गीत में उत्तराखंड की आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन
इस गीत को प्रसिद्ध गीतकार और गायक श्री भूपेंद्र बसेड़ा ने लिखा है, जबकि नवोदित संगीतकार ललित गित्यार ने इसे संगीतबद्ध किया है। गीत में उत्तराखंड के विभिन्न तीर्थ स्थलों का उल्लेख किया गया है, जिसमें पंचकेदार, पंच बद्री, पंच प्रयाग, कैलाश, ओम पर्वत, जागेश्वर, बागेश्वर, पूर्णागिरी, ऋषिकेश और हरिद्वार प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों जैसे कौसानी, मुक्तेश्वर, बिनसर, नैनीताल, मसूरी, चकराता और औली का भी जिक्र किया गया है।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शीतकालीन यात्रा केवल तीर्थयात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस गीत के माध्यम से उत्तराखंड को देश और दुनिया में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिलेगी।
लॉन्चिंग कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
इस अवसर पर अपर सचिव पन्ना लाल शुक्ल और श्री बद्रीनाथ के. सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक धरोहर और पर्यटक स्थलों की विशेषताओं पर जोर दिया और लोगों से आग्रह किया कि वे उत्तराखंड आकर इस अनुभव का लाभ उठाएं