देहरादून: उत्तराखंड का पर्यटन अब तक मुख्य रूप से धार्मिक और सामान्य पर्यटन तक सीमित था, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार साहसिक पर्यटन के जरिए नए दरवाजे खोलने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राज्य सरकार ने 700 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडिंग का निशुल्क कोर्स करवाने का निर्णय लिया है, जिससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नैनीताल जिले के भीमताल और देहरादून के मालदेवता जैसे स्थानों पर पैराग्लाइडिंग पर्यटन में तेजी आ रही है। इसी क्रम में, पर्यटन विभाग नए स्पॉट तलाशने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए प्रशिक्षण भी दे रहा है। पहल का मूल उद्देश्य युवाओं को साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कौशल अर्जित कराना है, ताकि वे अपने स्वरोजगार के अवसर विकसित कर सकें।
टिहरी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में, कुल 15 बैचों में युवाओं को बेसिक से लेकर गाइडेड पैराग्लाइडिंग के पांच अलग-अलग कोर्स कराए जा रहे हैं। इसमें प्रशिक्षण के साथ-साथ रहने और खाने की सुविधा भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। विभाग ने पहले चरण में 741 युवाओं को प्रशिक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से 124 महिलाएं भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, “उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए हम युवाओं को पैराग्लाइडिंग, वाईट वाटर राफ्टिंग, माउंटेनियरिंग जैसे साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हम चाहते हैं कि अगले कुछ सालों में हमारे पास इस क्षेत्र में पर्याप्त प्रशिक्षित मानव संसाधन हो, जिससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन न केवल फले-फुले, बल्कि यह सुरक्षित भी रहे।”
सरकारी पहल के तहत किया जा रहा यह कदम युवाओं को एक नई दिशा देने के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को भी समृद्ध करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। अब देखना यह होगा कि इस प्रयास से क्षेत्र में रोजगार के कितने नए अवसर उत्पन्न होते हैं।