गोधरा ट्रेन कांड का दोषी पुणे में चोरी के मामले में गिरफ्तार

क्राइम

प्रस्तावना

साल 2002 के गोधरा ट्रेन कांड में दोषी ठहराए गए सलीम उर्फ सलमान यूसुफ जारदा को महाराष्ट्र के पुणे में चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। सलीम को गोधरा कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बीते साल सितंबर में उसे जमानत पर रिहा किया गया था, जिसके बाद से वह फरार चल रहा था।

कैसे हुआ खुलासा?

पुलिस ने 22 जनवरी को नासिक से चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त एक गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनमें सलीम जारदा के अलावा साहिल पठान, सूफियान चनाकी, अयूब सुनथिया और इरफान दरवेश शामिल थे। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि इनमें से एक आरोपी सलीम, वही व्यक्ति है जिसे गोधरा कांड में दोषी ठहराया गया था।

गोधरा कांड और सलीम की संलिप्तता

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में हिंसा भड़क गई थी। सलीम उन आरोपियों में शामिल था, जिन्हें इस मामले में दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

जमानत के बाद फरारी

सितंबर 2024 में सलीम को कुछ शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया गया था। लेकिन रिहाई के तुरंत बाद ही वह पुलिस की नजरों से बचकर गायब हो गया। लंबे समय तक उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन चोरी के एक मामले में गिरफ्तार होने के बाद उसकी पहचान उजागर हो गई।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना

पुणे पुलिस ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है और सलीम के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए गुजरात पुलिस से भी संपर्क किया गया है। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

गोधरा कांड के दोषी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि कानून से बच पाना मुश्किल है। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार अपराधियों पर नजर रख रही हैं, ताकि उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जा सके

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