बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस को भाजपा की ‘बी टीम’ बताते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह से रणनीति अपनाई, उससे भाजपा को फायदा हुआ। मायावती का यह बयान राहुल गांधी के उस वक्तव्य के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मायावती ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा होता, तो भाजपा सत्ता में नहीं आती।
राहुल गांधी का बयान और मायावती की तीखी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कहा कि अगर बसपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया होता, तो भाजपा को हराया जा सकता था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मायावती ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने से परहेज क्यों किया।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की बी टीम बनकर चुनाव लड़ा, जिससे भाजपा की जीत सुनिश्चित हुई। यदि कांग्रेस ने मजबूत रणनीति अपनाई होती तो उसकी स्थिति इतनी खराब नहीं होती कि उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाती।”
कांग्रेस पर कड़ा प्रहार
मायावती ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की कमजोर नीतियों और नेतृत्व की असफलता के कारण भाजपा को बार-बार सत्ता में आने का मौका मिल रहा है। कांग्रेस को चाहिए कि वह आत्ममंथन करे और बसपा पर उंगली उठाने के बजाय अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान दे।”
बसपा की स्वतंत्र राजनीतिक नीति
मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि बसपा किसी भी दल के दबाव में आकर निर्णय नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि बसपा अपने मूल सिद्धांतों और सामाजिक न्याय की नीतियों पर चलते हुए चुनावी रणनीति बनाती है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल बसपा के जनाधार को कमजोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन बसपा अपने मिशन से नहीं हटेगी।
भाजपा के लिए नई चुनौतियां
मायावती ने दिल्ली में बनी नई भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि अब यह सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने जनहित और विकास से जुड़े अपने वादों को समय पर पूरा नहीं किया, तो आगे चलकर कांग्रेस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा।”
राहुल गांधी और मायावती के बीच बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। जहां कांग्रेस भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, वहीं बसपा अपनी स्वतंत्र स्थिति को बनाए रखना चाहती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में इन दोनों पार्टियों की रणनीति कैसी होगी और क्या विपक्ष भाजपा के खिलाफ एकजुट हो पाएगा या नहीं।