जल प्रलय के आठवें दिन तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग समेत पूरे आपदा प्रभावित इलाके से 13 शव बचाव दलों ने निकाले। निकाले गए शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट चौंकाने वाली है। आपदा के कुछ घंटों के भीतर ही सबकी मौत हो गई थी।
बताया गया था कि 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने की वजह से ऋषि गंगा में आई बाढ़ के बाद 35 लोग तपोवन जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंस गए थे। बैराज, ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना स्थल व अन्य नदी किनारे सैकड़ों लोग मलबे में दब गए थे। तब से सुरंग और आसपास लापता लोगों की खोज की जा रही है। सुरंग से डंपर के जरिए मलबा बाहर लाया जा रहा है।
रविवार को सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर सुरंग के लगभग 138 मीटर की दूरी पर मलबे से पहला शव मिला। सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर इसी स्थान पर खुदाई के दौरान दूसरा शव मिला। इसके बाद जैसे-जैसे मलबा हटाया जा रहा था, शव भी निकलने शुरू हो गए थे।
विद्युत परियोजना की सुरंग में से पांच, ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल के आसपास 6, रैणी गांव में मलबे में 1 और एक शव रुद्रप्रयाग में अलकनंदा किनारे से मिला। इनमें से 11 की शिनाख्त हो गई, दो की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रिल ऑपरेशन फेल
सुरंग के अंदर ड्रिल के जरिए टनल में फंसे लोगों को खोजने का काम विफल रहा। शनिवार रात करीब एक बजे ड्रिल टनल तक तो पहुंच गई थी, लेकिन यहां मलबा और पानी मिला, जिसके बाद ड्रिल रोककर फिर मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। ड्रिल के कारण सुरंग से मलबा हटाने का कार्य भी प्रभावित हुआ।
रविवार को मिले शवों की शिनाख्त
1. आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी- टिहरी गढवाल
2. अनिल पुत्र भगत सिंह, निवासी कालसी, देहरादून
3. जीतेंद्र कुमार पुत्र देशराज, निवासी जम्मू कश्मीर
4. शेषनाथ पुत्र जयराम, निवासी फरीदाबाद
5. जितेंद्र धनाई पुत्र मतवार सिंह निवासी टिहरी गढवाल
6. सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास, रामपुर कुशीनगर
7. जुगल किशोर पुत्र राम कुमार, निवासी पंजाब
8.राकेश कपूर पुत्र रोहन राम, निवासी हिमाचल प्रदेश
9. हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह, निवासी चमोली
10. वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह, निवासी गोरखपुर
11. धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह, निवासी गोरखपुर