1. परिचय
प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का 80 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वे न केवल एक महान गायक थे, बल्कि एक आदर्श शिक्षक और संगीत संरक्षक भी थे।
2. निधन की जानकारी
पंडित प्रभाकर कारेकर की मृत्यु बुधवार रात मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में स्थित उनके आवास पर हुई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है।
3. प्रारंभिक जीवन और संगीत प्रशिक्षण
पंडित प्रभाकर कारेकर का जन्म गोवा के अंत्रुज महल में हुआ था। संगीत के प्रति उनका रुझान बचपन से ही था और उन्होंने पंडित जितेंद्र अभिषेकी, पंडित सुरेश हल्दांकर और पंडित सीआर व्यास जैसे महान गायकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनकी संगीत साधना ने उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक विशिष्ट कलाकार बना दिया।
4. प्रसिद्ध रचनाएँ और योगदान
पंडित प्रभाकर कारेकर को उनकी गायकी के लिए विशेष रूप से “बोलवा विट्ठल पाहावा विट्ठल” और “वक्रतुंड महाकाय” जैसे भजनों के लिए जाना जाता है। वे ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) और दूरदर्शन के ग्रेडेड कलाकार थे। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रस्तुति दी और अपनी अनूठी शैली से लाखों संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया।
5. गोवा के मुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए पंडित प्रभाकर कारेकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “हिंदुस्तानी शास्त्रीय और अर्धशास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर के निधन की खबर सुनकर अत्यंत दुख हुआ। उन्होंने गोवा में शास्त्रीय संगीत के संरक्षण और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी संगीत विरासत उनके शिष्यों और प्रशंसकों के साथ हमेशा जीवित रहेगी
पंडित प्रभाकर कारेकर का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कला, साधना और संगीत के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।