उत्तराखंड राज्य की कमान संभालने के बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बात कही है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रिक्त करीब 22,000 पदों को जल्द से जल्द भरने पर जोर दे रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंचाई विभाग में समूह ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के अंतर्गत सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के स्वीकृत रिक्त 2046 पदों को शीघ्र भरे जाए।
वही, महाराज ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए शीघ्र ही विभागीय रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए ताकि कोरोनाकाल में युवाओं को राहत मिल सके। यही नहीं, महाराज ने सिंचाई विभाग की योजनाओं संबंधित जानकारी दिया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूंजी लेखा मद के अनुमोदित बजट के तहत अवमुक्त धनराशि 262.99 करोड़ के सापेक्ष 224.44 करोड़ व्यय किये गए है। जिससे राज्य में 206 योजनाएं पूर्ण की गई हैं।
यही नही, सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वर्तमान में प्रचलित मानक 2.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से 3.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर किए जाने तथा पीएमकेएसवाई में क्षतिग्रस्त नेहरों के पुनरुद्धार एवं जीर्रणोद्वार की योजनाओं की स्वीकृति के लिए प्रभावी कार्य किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त राज्य के जिला चंपावत में निर्माणाधीन कोलीढेक झील, जनपद पिथौरागढ़ में निर्माणाधीन थरकोट झील तथा अन्य निर्माणाधीन झीलों के कार्य अक्टूबर 2021 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
हालांकि, इसके लिए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने पहले ही अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दे चुके हैं कि अगर समय पर कार्य पूर्ण नहीं होंगे और बजट खर्च नहीं होता, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध एडवर्स एंट्री की जाएगी। उन्होंने सौंग बांध परियोजना के पुनर्वास कार्य के लिए भूमि के चिन्हीकरण को शीघ्र पूर्ण करते हुए पुनर्वास नीति तैयार करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही योजना के वित्त पोषण हेतु जमरानी बांध परियोजना की तरह ही बाहर से जुड़े गए अन्य प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव जल्द तैयार किये जायें।
सिंचाई मंत्री महाराज ने हरिद्वार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के समय संबंधित अभियंता द्वारा उन्हें भ्रामक एवं गलत सूचनाएं दिए जाने पर सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विभागीय सूचनाओं तथा आपदा के दृष्टिगत सूचनाओं को जनता तक समय पर उपलब्ध कराये जाने हेतु विभाग प्रभावी तंत्र विकसित करें।