उत्तराखंड: ग्रीन सेस से पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक मजबूती का प्रयास

उत्तराखंड

देहरादून: पर्यावरण बचाने और आर्थिक मजबूती के लिए उत्तराखंड सरकार ने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रीन सेस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। जनवरी 2025 से राज्य में प्रवेश करने वाले बाहरी निजी और छोटे वाहनों से भी ग्रीन सेस वसूला जाएगा।

ऑनलाइन होगी ग्रीन सेस वसूली


उत्तराखंड परिवहन विभाग ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह स्वचालित बनाने की योजना बनाई है। राज्य की सीमाओं पर लगे 17 कैमरों को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा। यह नई प्रणाली ऑनलाइन फास्ट टैग और डिजिटल वॉलेट के जरिए काम करेगी, जिससे मौजूदा मैन्युअल प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

राजस्व में भारी वृद्धि की उम्मीद


वर्तमान में ग्रीन सेस से राज्य को हर साल 5-6 करोड़ रुपये की आय होती है। नई तकनीक और सभी प्रकार के वाहनों को शामिल करने से यह राजस्व 75 करोड़ रुपये तक बढ़ने की संभावना है। यदि शुल्क दर दोगुनी की जाती है, तो यह आय 120-150 करोड़ रुपये तक हो सकती है।

स्वचालित प्रणाली से होगा लाभ


नए सिस्टम की निगरानी के लिए एक डाटा सेंटर स्थापित किया जाएगा। साथ ही इंटेलिजेंट टोलिंग सिस्टम (ITS) के तहत ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे राज्य की राजस्व वसूली में पारदर्शिता और गति आएगी।

जनवरी से लागू होने वाली यह प्रणाली उत्तराखंड को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।

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