देहरादून: उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने पिछले 24 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि देखी है, जिससे राज्य के विकास को नए आयाम मिले हैं। राज्य के गठन के बाद से आर्थिक मोर्चे पर लगातार सुधार हुआ है, और इसका प्रमुख श्रेय पर्यटन क्षेत्र को जाता है, जिसने राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रति व्यक्ति आय और GSDP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2000 में जहां प्रति व्यक्ति आय केवल 15,285 रुपये थी, वह अब बढ़कर 2.60 लाख रुपये हो गई है। इसी तरह, सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में भी भारी वृद्धि हुई है। 24 साल पहले राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 14,501 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोतरी राज्य की सुदृढ़ और स्थिर अर्थव्यवस्था को दर्शाती है।
बजट में 20 गुना का विस्तार
राज्य के बजट में भी पिछले दो दशकों में बड़े पैमाने पर वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तराखंड के गठन के समय बजट केवल 4,500 करोड़ रुपये था, जबकि 2024-25 के लिए राज्य का बजट 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसमें 89,230.07 करोड़ रुपये का मुख्य बजट और 5,013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट शामिल है।
पर्यटन क्षेत्र: आर्थिक वृद्धि का प्रमुख स्तंभ
उत्तराखंड की आर्थिक वृद्धि में पर्यटन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य के पर्यटन स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इस वजह से पिछले दो वर्षों में GSDP में पर्यटन का योगदान 37% से बढ़कर 43.7% हो गया है। पर्यटन से राज्य को न केवल आर्थिक लाभ हुआ है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, जिससे स्थानीय निवासियों की आय में भी सुधार हुआ है।
भविष्य की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की यह वृद्धि राज्य को विकास की दिशा में एक नया मार्ग दिखा रही है। पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में हो रही बढ़ोतरी से राज्य के नागरिकों के लिए अधिक रोजगार और समृद्धि के अवसर पैदा हो रहे हैं। आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत होने की उम्मीद है, जिससे यह राज्य आर्थिक रूप से एक अग्रणी स्थान पर पहुंच सकेगा।