जीएसटी के खिलाफ आज कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत बंद का आह्वान किया है। कैट ने इस बंद का आह्वान जीएसटी के विरोध में किया है। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी बंद का समर्थन किया है। हालांकि AITWA का विरोध प्रदर्शन ईंधन की बढ़ती हुई कीमतों और ई-वे बिल को लेकर है। AITWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने बताया ‘सभी राज्य स्तरीय ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन एकदिवसीय बंद में पूरी तरह सहयोग देंगे। AITWA का प्रदर्शन ईंधन के दाम बढ़ने और ई-वे बिल के खिलाफ होगा। महेंद्र आर्य के मुताबिक सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों से सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक अपने वाहनों की सेवा बंद रखने के लिए कहा गया है।
देश के सभी राज्यों में व्यापारिक संगठनों ने व्यापार बंद में शामिल होने का फैसला लिया है। दिल्ली में भी अधिकांश व्यापारिक संगठन बंद में शामिल होंगे। जीएसटी के नियमों में हाल ही में हुए संशोधनों और ई कॉमर्स कम्पनी अमेजन पर तुरंत प्रतिबन्ध लगाने की मांग को लेकर कैट भारत व्यापार बंद का आह्वान किया गया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, दिल्ली सहित देशभर में लगभग 1500 स्थानों पर ‘आग्रह धरना’ आयोजित होंगे। आज के दिन कोई भी व्यापारी जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन नहीं करेगा। कई जिलों में वे संबंधित अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकार के लिए अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।ल देशभर के 40,000 से ज्यादा व्यापारी संगठन कैट से जुड़े हैं जो बंद का समर्थन कर रहे हैं और धरना प्रदर्शनों में शामिल होंगे.
कैट (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पिछले 4 साल में जीएसटी में 950 से ज्यादा संशोाधन हो चुके हैं. इसके अलावा जीएसटी पोर्टल से जुड़ी तकनीकी दिक्कतें बनी हुई हैं. इससे जीएसटी के अनुपालन का व्यापारियों पर बोझ बढ़ा है. उनकी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से मांग है कि वे जीएसटी के कड़े प्रावधानों को खत्म करें. साथ ही जीएसटी प्रणाली की समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों का सरलीकरण करने और उन्हें तार्किक बनाने की जरूरत है.
होलसेल एवं रिटेल बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे. लेकिन आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद में शामिल नहीं किया गया है. रिहायशी कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी बंद से बाहर रहेंगी. ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ेगा. केवल व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित रहने की संभावना