देहरादून: उत्तराखंड पुलिस को नया मुखिया मिल गया है। 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ को राज्य का 13वां पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। गृह विभाग ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले दीपम सेठ केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, जहां वह आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) में आईजी और एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जैसे अहम पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।
दीपम सेठ का करियर और योगदान
दीपम सेठ उत्तराखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं।
- अविभाजित उत्तर प्रदेश में भूमिका:
उन्होंने गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में काम किया। इसके अलावा, आगरा के नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी) के तौर पर भी सेवाएं दीं। - उत्तराखंड में प्रमुख पद:
राज्य के गठन के बाद नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), गृह विभाग में अतिरिक्त सचिव, प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC) के महानिरीक्षक (आईजी), और कानून-व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) के पुलिस महानिरीक्षक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभाई।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति और समय पूर्व वापसी
2019 में दीपम सेठ को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। वहां उन्होंने आईटीबीपी और एसएसबी जैसे संगठनों में कार्य किया। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने उनकी सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र से उन्हें समय पूर्व वापस बुलाने का अनुरोध किया। केंद्र ने इस अनुरोध को मंजूरी देते हुए उन्हें रिलीव कर दिया।
नई जिम्मेदारी का दायित्व
दीपम सेठ ने कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार की जगह राज्य के पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाला। कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और जनता के विश्वास को बनाए रखने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है।
विशेषताएं और अनुभव
दीपम सेठ को उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और अनुशासनप्रियता के लिए जाना जाता है। उनका अनुभव और कार्यशैली उत्तराखंड पुलिस को नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकती है।
मुख्य बिंदु
- 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी।
- आईटीबीपी और एसएसबी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा।
- उत्तराखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी।
- विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस पदों पर शानदार अनुभव।
राज्य की कानून-व्यवस्था और पुलिसिंग प्रणाली को मजबूत करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उनकी नियुक्ति को उत्तराखंड के पुलिस विभाग के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।