देहरादून: उत्तराखंड में दिवाली से पहले ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच गया है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPBC) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 22 अक्टूबर को राजधानी देहरादून का Air Quality Index (AQI) 169 दर्ज किया गया, जबकि ऊधमसिंह नगर में AQI 164 मापा गया। इन दोनों जिलों में प्रदूषण का स्तर अन्य जिलों की तुलना में अधिक बढ़ गया है।
राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि बीते वर्षों में इन्हीं दिनों में राज्य का AQI 110 से 120 के बीच रहता था, लेकिन इस साल प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने इसके लिए मानसून के बाद बारिश की कमी, राज्य में हो रहे व्यापक निर्माण कार्य और वाहनों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रदूषण से बढ़ रहीं बीमारियाँ
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण राज्य में श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि पीएम-2.5 और पीएम-10 जैसे सूक्ष्म प्रदूषक कण लंबे समय तक हवा में बने रहते हैं और वे वाहनों, औद्योगिक प्रक्रियाओं, जीवाश्म ईंधन के जलने और सड़क की धूल से उत्पन्न होते हैं। इन प्रदूषकों के कारण सांस संबंधी समस्याएँ जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की बीमारी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का खतरा बढ़ सकता है।
दमा एवं श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि प्रदूषण के इस स्तर के कारण अस्थमा और दिल के मरीजों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ, खांसी और छाती में जकड़न जैसी समस्याओं में वृद्धि हो रही है।
प्रदूषण की होगी विशेष निगरानी
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPBC) ने दिवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण की विशेष निगरानी की योजना बनाई है। बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि 24 अक्टूबर से 7 नवंबर तक राज्य में वायु और ध्वनि प्रदूषण की स्थिति की कड़ी निगरानी की जाएगी। देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, काशीपुर, हल्द्वानी, और नैनीताल सहित अन्य प्रमुख शहरों में प्रदूषण की गुणवत्ता की जाँच की जाएगी।
डॉ. धकाते ने कहा कि राज्य में प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और जनता से अपील की है कि वे दिवाली के दौरान पटाखों का कम से कम उपयोग करें ताकि प्रदूषण कम किया जा सके।
साइबर हमले में बाधित हुआ प्रदूषण डेटा
UKPBC की वेबसाइट पर हाल ही में हुए साइबर हमले के कारण वायु प्रदूषण के आंकड़े अपडेट करने में देरी हो रही है। UKPBC के अनुसार, देहरादून के प्रदूषण के आंकड़े 13 अक्टूबर के बाद पहली बार 22 अक्टूबर को अपडेट किए गए। अधिकारियों ने बताया कि साइबर हमले के बाद क्षेत्रीय कार्यालयों से जानकारी मिलने में भी देरी हो रही है, जिससे प्रदूषण डेटा का समय पर अद्यतन संभव नहीं हो पा रहा है। UKPBC अब डेटा को सही समय पर अपडेट करने के लिए प्रयासरत है।